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बैंक का चैक कैसे लिखें? (How to write a bank check?)

write a bank check

बैंक चैक एक दस्तावेज को कहते हैं जिसे बैंक द्वारा ही बैंक खाता धारक को उपलब्ध करवाया जाता है। खाताधारक को जिस व्यक्ति को कुछ धनराशि का भुगतान करना होता है उसका नाम लिखकर भूल जाने वाली धनराशि को अंकों में लिख दिया जाता है। चैट को नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट भी कहा जाता है अगर बात करें बैंकिंग की तो यह एक नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट  दस्तावेज हैग्राम इसकी एक निश्चित समय सीमा होती है। खाताधारक की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए चैक के कई प्रकार बनाए गए हैं। जो व्यक्ति चैक देता है उसे ड्रावर और जिसके नाम पर दिया जाता है उसे ड्रॉवी कहते हैं। 

बैंक चैक कितने प्रकार के होते हैं? (How many types of bank checks are there?)

इस बात को ध्यान में रखते हुए कि किस प्रकार के जारीकर्ता कौन है तथा अदाकरता कौन है । इसके आधार पर चैक को विभिन्न वर्गों में बांटा गया है। जो निम्नानुसार है : – 

बियरर चेक (Bearer check)

इस प्रकार का चैक उसे कहते हैं जिसमें  चले जाने वाले यार रखने वाले व्यक्ति को भुगतान किया जाता है। स्टेट का वितरण हस्तांतरण भी किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति चैक को बैंक में ले जाता है तो उसे बैंक द्वारा भुगतान कर दिया जाता है। किस प्रकार के चैक में बैंक को जारीकर्ता से किसी भी प्रकार के प्राधिकरण की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

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ऑर्डर चैक (Order check)

इस प्रकार के चैट में बीयरर  शब्द को रद्द कर दिया जाता है और यह केवल उसी व्यक्ति को विदेश जाते हैं जिसका नाम उस पर लिखा जाता है। बैंक कर्मचारी द्वारा भुगतान की राशि को जारी करने से पहले उसकी पृष्ठभूमि पर जांच की जाती है।

काटा गया चेक (Crossed Cheque)

आपने कहीं बार चैक के बैंक के बाएं और ऊपरी तरफ दो समानांतर रेखाएं खींची हुई देखी होंगी जिसके साथ ‘ए/सी पेयी’ शब्द लिखा होता है भी लिखा होता है। इसका मतलब यह होता है कि चैक में भरे गए राशि केवल

 उसी व्यक्ति को जारी की जाए जिसका नाम उस चैट पर लिखा हुआ है। इस प्रकार के चैट में जारीकर्ता का अकाउंट नंबर भी लिखा होता है। इस प्रकार के चार को बहुत ही सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसके द्वारा राशि सीधे अदा करता के अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है।

खुला चैक (Open check)

इस प्रकार का चैक मूलतः अनक्रॉस्ड  डे चैक होता है। यह चैक किसी भी बैंक में जमा किया जा सकता है जिसके द्वारा भुगतान करता को सीधे उसके अकाउंट में धनराशि प्राप्त हो जाती है और यह धनराशि सीधे जमा करता कि अकाउंट से ट्रांसफर होती है। इसमें केवल जमा करता को चैक के दोनों तरफ हस्ताक्षर करने होते हैं।

चैक के लेन-देन में कौन तथा कितने पक्ष होते हैं?(Who and how many parties are there in the transaction of cheque?)

  •  चैक के लेन-देन में तीन पक्ष होते हैं। : 
  •  आहर्ता/ जारीकर्ता :  वह व्यक्ति जो चैक को जारी करता है या लिखता है।
  •  अदा करता :  यह एक वित्तीय संस्था होती है जो जारीकर्ता और  प्राप्तकर्ता दोनों को जोड़ती है।
  •  आदंता/ प्राप्तकर्ता :  यह वह व्यक्ति या संस्था होती है जिसको चैक पर लिखी गई राशि प्राप्त होती है।
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चैक में कितने भाग होते हैं? (How many parts are there in a cheque?)

  •  बैंक की जानकारी :  इसमें बैंक का नाम,  विवरण और उसका पता लिखा होता है।
  •  आईएफएससी :  इस भाग में बैंक की शाखा का आईएफएससी 11 अंकों वाला कोड लिखा होता है जिसे अफसरों तथा अंकों के संयोजन द्वारा बनाया जाता है।
  •  प्राप्तकर्ता की जानकारी :  इस भाग में प्राप्तकर्ता का नाम सही तथा साफ लिखा होना चाहिए।
  •  तिथि का बॉक्स :  चैक के इस भाग में दिनांक,  महीना तथा वर्ष भरा जाता है।
  •  रुपए : चैक के इस भाग में जारीकर्ता को दी जाने वाली राशि अक्षरों में  लिखनी चाहिए।
  •  खाता  संख्या :  यह भाग बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यहां पर लिखी खाता संख्या से ही राशि का भुगतान होता है।
  •  हस्ताक्षर : जारीकर्ता को  हस्ताक्षर के लिए दी गई जगह पर  साफ हस्ताक्षर करने चाहिए जैसे कि उसके बैंक के खाता में उपलब्ध हो। आजकल पहले से भी चेकबुक पर जारीकर्ता का नाम छपा हुआ आता है,  जिसमें उसे केवल नीचे हस्ताक्षर करने की आवश्यकता रहती है। 
  • ट्रांसफर की जाने वाली राशि : इस प्रकार के चैक में स्पष्ट रूप से आहरित की जाने वाली अधिकतम राशि बताते हैं। 
  • चैक का नंबर : प्रत्येक चैक का एक विशिष्ट नंबर होता है जिसे एमआईसीआर कोड भी कहते हैं। 
  • राशि : चैक में दिए गए इस स्थान पर उस राशि को  अंको में लिखा जाता है जो ट्रांसफर की जाती है। 
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चैक कैसे लिखें? (How to write a cheque?)

यदि चैक भरने या लिखने में किसी प्रकार की त्रुटि हो जाती है तो उसे बैंक द्वारा रिजेक्ट कर दिया जाता है इसलिए बैंक चैक को  बड़ी सावधानी के साथ भरना चाहिए। : 

  •  इसमें सबसे पहला काम यह होता है कि आपको दाएं और ऑपरेट होने पर दिनांक महीना तथा वर्ष  दिए गए फॉर्मेट में लिखना होता है। आप आवश्यकता अनुसार पद सृजित तिथि भी लिख सकते हैं।
  •  तत्पश्चात आपको अदा कर्ता का नाम दिए गए स्थान पर लिखना होता है और यह नाम किसी व्यक्ति का भी हो सकता है और संस्था का भी हो सकता है। इसमें अधिक आवश्यकता नाम को सही लिखने की होती है।
  • उसके पश्चात ट्रांसफर की जाने वाली राशि को शब्दों में लिखा जाना चाहिए ताकि त्रुटि की संभावना या चैक में राशि के फेरबदल की संभावना ना रहे।
  •  राशि को शब्दों में लिखने के पश्चात उसे अंको में भी लिख देना चाहिए और अंकों में लिखने के पश्चात बाद में  /-  का निशान भी डाल देना चाहिए ताकि राशि के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ न की जा सके।
  •  अंत में आपको चैक में दिए गए स्थान पर  हस्ताक्षर करने होते हैं। यदि हस्ताक्षर बैंक में मैच नहीं होते हैं तो इससे कैंसर को रद्द भी कर दिया जाता है इसलिए हस्ताक्षर करते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए।
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