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 स्वाधार गृह योजना का क्रियान्वन (Implementation of Swadhar Greh Scheme)

Swadhar Greh Scheme

भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा उन महिलाओं के लिए जो अपने जीवन में बहुत कठिन परिस्थितियों से गुजरती हैं,  जिन्हें अपने जीवन को फिर से शुरू करने के लिए पुनर्वास की आवश्यकता होती है उन्हें स्वाधार गृह योजना के अंतर्गत संस्थागत सहायता प्रदान की जाती है ताकि वह समाज में सम्मान के साथ जीवन बिता सकें। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को आश्रय,  भोजन,  वस्त्र और स्वास्थ्य के अतिरिक्त आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान करने का प्रयास किया जाता है। 

स्वाधार गृह योजना का उद्देश्य। (Objective of Swadhar Greh Yojana )

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले में 30 जरूरतमंद महिलाओं की क्षमता वाले स्वाधार गृह की स्थापना निम्नलिखित देशों से की जाती है।

  • जिन महिलाओं को आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा नहीं मिल पाती है यहां उन्हें आश्रय,  भोजन,  वस्त्र,  चिकित्सा उपचार और संकट के समय में प्राथमिक देखभाल जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती है।
  • जो महिलाएं सामाजिक याद घरेलू हिंसा के कारण भावनात्मक रूप से टूट चुकी होती है उनके भावनात्मक शक्ति को फिर से सक्षम बनाने में  मदद की जाती है।
  • इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को कानूनी सहायता  देना और मार्गदर्शन  करना भी शामिल है ताकि वह समाज में कदम से कदम मिलाकर चल सके।
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स्वाधार गृह योजना को पूरा करने की रणनीतियां (Strategies for Completing the Swadhar Greh Scheme)

इस योजना के उद्देश्य को पूरा करने के लिए  कई रणनीतियां इससे संबंधित  मंत्रालय को अपनानी पड़ती है जैसे कि

  • जो खाना,  आवास,  वस्त्र और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाती है वह अस्थाई होती हैं।
  •  महिलाओं की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए उन्हें व्यावसायिक और कौशल उन्नयन प्रशिक्षण दिया जाता है।
  • टेलीफोन कॉल के माध्यम से और महिलाओं को कानूनी सहायता,  मार्गदर्शन और परामर्श दिए जाते हैं। 

स्वाधार गृह योजना के लाभ किसे मिलता है? (Who gets the benefits of Swadhar Greh Yojana?)

  •  18 वर्ष  आयु से अधिक की महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
  • जिन महिलाओं को  परिवार के द्वारा त्याग दिया गया है उन्हें आर्थिक और सामाजिक सहायता।
  •  वह महिलाएं जो किसी प्राकृतिक आपदा के कारण घर से बेघर हो गई हैं और जिनकी आर्थिक तथा सामाजिक स्थिति अच्छी नहीं है  उनके लिए सहायता।
  •  वह महिलाएं जो जेल से रिहा होकर आती हैं और जिनका परिवार तथा समाज के द्वारा बहिष्कार किया जाता है उन्हें आर्थिक व सामाजिक सहायता देना।
  •  वह महिलाएं जो घरेलू हिंसा का शिकार है या घरेलू हिंसा की प्रताड़ना के कारण घर से निकाल दिया गया है
  • तस्करी की गई महिलाओं तथा चुराई गई लड़कियों को वैश्यालय तथा उनका दुरुपयोग करने वाले अन्य स्थानों से सुरक्षा।
  •  जिन महिलाओं को घरेलू हिंसा के कारण घर से निकाला जाता है वह इस योजना के अंतर्गत 1 वर्ष तक तथा अन्य कारणों से पीड़ित महिलाएं 3 वर्षों तक यह सुविधाएं प्राप्त कर सकती हैं। 55 वर्ष या उससे अधिक आयु वाली महिलाओं को 5 वर्ष की अवधि के लिए स्वाधार गृह योजना की सुविधाएं प्रदान की जाती है और उसके पश्चात उन्हें वृद्ध आश्रम में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
  •  यदि महिला के साथ बच्चे हैं तो उन बच्चों को भी इस योजना के अंतर्गत सुविधाएं प्राप्त होती हैं। 18 वर्ष तक की बालिका और 8 वर्ष तक आयु का लड़का स्वाधार गृह योजना के अंतर्गत माता के साथ रह सकता है। उसके पश्चात लड़के को बालगृहों में स्थानांतरित कर दिया जाता है। 
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 स्वाधार गृह योजना कार्यान्वयन एजेंसियां और पात्रता मानदंड (Swadhar Greh Scheme Implementing Agencies and Eligibility Criteria )

  • स्वाधार गृह योजना के अंतर्गत राज्य सरकारों द्वारा स्थापित महिला विकास निगमों सहित राज्य सरकार की एजेंसियां
  • केंद्रीय या राज्य स्वायत्त निकाय
  • नगर निगम निकाय 
  • छावनी बोर्ड्स 
  • राज्य सरकारों द्वारा संचालित महिला एवं बाल विकास विभाग/समाज कल्याण विभाग जो स्वाधार गृह योजना का निर्माण कर सकते हैं और उन्हें अपने दम पर चला सकते हैं या इस योजना के तहत संचालन के प्रबंधन के लिए उचित समझी जाने वाली अवधि के लिए आवश्यक अनुभव रखने वाले संगठन (संगठनों) को पट्टे पर दे सकते हैं।
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स्वाधार गृह योजना के रिकार्ड्स का रख रखाव और  दिशानिर्देश (Maintenance of Records and Guidelines of Swadhar Greh Scheme)

  • जब कोई महिला स्वयं स्वाधार गृह में शरण के लिए आए या वह किसी अन्य महिला का  स्वाधार गृह से परिचय कराए तो उस महिला की सामाजिक तथा पारीवारिक पृष्ठभूमि की जांच की जानी चाहिए| ताकि उस महिला की समस्या का मूल कारण पता लगाया जा सके| 
  • प्राथमिक स्तर पर कॉउंसलर्स या सुपरिंटेंडेंट्स के द्वारा उस महिला का साक्षात्कार के माध्यम से समस्या का निदान करने का प्रयास किया जाना चाहिए और यदि ऐसा प्रतीत हो कि  स्वाधार गृह द्वारा की जा रही कॉउंसलिंग से कोई हल नहीं निकल पा रहा है तो उस महिला को संबंधित संस्थान में स्थानांतरित किया जाना चाहिए| 
  • जब कोई ज़रूरतमंद महिला  स्वाधार गृह में आए तो उसका अड्मिशन रेजीस्टर में पूरा विवरण लिखना चाहिए|  
  • प्रत्येक केस की अलग फ़ाइल भी बनानी चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर संबंधित संस्थान में उसे भेजा जा सके| 
  • यदि महिला  स्वाधार गृह में कोई गहने पहनकर आए तो उन गहनों का विवरण रजिस्टर में दर्ज कर लेना चाहिए और रेसिडेंट सुपरिंटेंडेंट के पास जमा कर देना चाहिए| 
  • जो भी महिला या बालक/बालिका  स्वाधार गृह में आएं उनका नज़दीक़ी हस्पताल या डिस्पेंसरी में मेडिकल चेकअप करवाना भी अति आवश्यक है| 

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