लगातार पूरे देश में बेरोजगार जनसंख्या वृद्धि दर बढ़ता ही जा रहा है और इससे मध्यप्रदेश राज्य भी अछूता नहीं रहा। किसी भी क्षेत्र में जितनी जनसंख्या बेरोजगार होती है उसके कारण संसाधनों के ऊपर बुरा असर पड़ता है। उस क्षेत्र का विकास रुक जाता है। बेरोजगार होने के कारण युवा नशे की लत तथा अन्य बुरी आदतों में पड़ जाता है। जिससे पारिवारिक स्तर पर भी बुरा असर पड़ता है। मध्यप्रदेश राज्य में बेरोजगारी वृद्धि दर को और बेरोजगारों की जनसंख्या को कम करने के लिए मध्य प्रदेश इस योजना को लाया गया है, जिसका उद्घाटन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था। इस योजना के अंतर्गत राज्य के नागरिकों को स्वरोजगार या उद्योग की स्थापना करने के लिए वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत पात्र आवेदकों को जो वित्तीय सहायता लोन के तौर पर दे जाएगी उसमें अन्य लोन की तरह किसी गारंटर की आवश्यकता नहीं होगी और ब्याज दर भी बहुत कम होगा। यदि विशेषज्ञों की बात करें तो उनके सुझाव अनुसार इस तरह के कार्यक्रम के द्वारा केवल राज्य में ही नहीं बल्कि देश भर में बेरोजगारी की समस्या व्यापार और स्वरोजगार के माध्यम से खत्म हो सकती है। इस योजना को लागू करना मध्य प्रदेश सरकार का बहुत अच्छा कदम है। जब भी कोई स्वरोजगार स्थापित करता है तो उसके द्वारा केवल एक व्यक्ति का नहीं बल्कि अन्य व्यक्तियों का घर भी चलता है, जो उसके साथ काम करते हैं। जब कहीं स्वरोजगार उत्पन्न होता है या उद्योग स्थापित किया जाता है इससे क्षेत्र के पढ़े-लिखे बेरोजगार व्यक्तियों को चाहे वह पुरुष हो या महिला रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं। इस योजना का उद्देश्य राज्य में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को वित्तीय सहायता, सब्सिडी और अन्य लाभ प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी को ₹100000 से 5000000 रुपए तक ऋण राशि दी जा सकती है। यदि लाभार्थी का कारोबार किसी कारणवश बंद हो जाता है तो असफलता की उस परिस्थिति में सरकार द्वारा 3% की सब्सिडी भी दी जाएगी।
जैसे कि हम पहले भी बात कर चुके हैं इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा जो लोन पात्र आवेदकों को दिया जाएगा उसने उन्हें गारंटर की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। प्राप्त राशि से आवेदक अपना कोई भी बिजनेस शुरू कर सकते हैं परंतु आवेदन करते समय आवेदक को अपने व्यवसाय या उद्यम के बारे में विस्तार से जानकारी देनी होगी। जब आवेदन मंजूर कर लिया जाता है तो पहले उसे कुछ राशि प्रदान की जाती है और जैसे-जैसे बहुत तरक्की करता है तथा सरकार के विश्वास को बनाए रखता है उसे धीरे-धीरे करके पूरा पैसा दे दिया जाता है।
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आप कैसे आवेदन कर सकते हैं, क्या दस्तावेज आपको उपलब्ध करवाने होंगे और आप इस योजना का लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं भी या नहीं इन सभी विषयों पर लेख में चर्चा की जाएगी। कृपया इस लेख को अंत तक पढ़े।
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक का मध्य प्रदेश राज्य का मूल निवासी होना अनिवार्य है। |
इस योजना के अंतर्गत आवेदक की आयु 18 वर्ष से 40 वर्ष के मध्य तक होनी चाहिए। |
यदि आवेदक की न्यूनतम शिक्षा आठवीं कक्षा पास है, तब भी वह इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होगा। |
आवेदक के परिवार की कुल वार्षिक आय 1200000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। |
यदि आप कम शिक्षित हैं परंतु आप काम करते हैं अर्थात रोजगार है तो आप इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होंगे। |
यदि आवेदक टैक्स जमा करता है तो उसे इसकी जानकारी देनी होगी और पिछले 3 वर्षों की आइटीआर फॉर्म के साथ संलग्न करनी होगी। केवल तभी वह इस योजना के लिए आवेदन कर पाएगा। |
पहचान का प्रमाण – पहचान के प्रमाण के रूप में आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट या सरकार द्वारा जारी कोई अन्य आईडी कार्ड जमा किया जा सकता है। |
पते का प्रमाण – उपयोगिता बिल, बैंक स्टेटमेंट या राशन कार्ड जैसे दस्तावेज पते के प्रमाण के रूप में जमा किए जा सकते हैं। |
एमएसएमई पंजीकरण प्रमाणपत्र – एमएसएमई को योजना के लिए पात्र होने के लिए मध्य प्रदेश सरकार के साथ पंजीकृत होना चाहिए। पंजीकरण के प्रमाण के रूप में एमएसएमई पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया जाना चाहिए। |
प्रोजेक्ट रिपोर्ट – एक विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी चाहिए, जिसमें व्यवसाय की प्रकृति, प्रस्तावित निवेश, अपेक्षित रोजगार सृजन और अन्य प्रासंगिक विवरण शामिल हैं। |
वित्तीय दस्तावेज – परियोजना की वित्तीय व्यवहार्यता स्थापित करने के लिए बैंक स्टेटमेंट, आयकर रिटर्न और बैलेंस शीट जैसे दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है। |
भूमि दस्तावेज – यदि परियोजना में भूमि अधिग्रहण शामिल है, तो भूमि खरीद समझौता, पट्टा समझौता, या बिक्री विलेख जैसे दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है। |
अन्य प्रासंगिक दस्तावेज – परियोजना की विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर, अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों को भी जमा करने की आवश्यकता हो सकती है। |
पंजीकरण – आवेदक को मध्य प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या योजना के लिए नामित पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। https://samast.mponline.gov.in/portal/search-scheme-wizard पंजीकरण प्रक्रिया में व्यक्तिगत और व्यवसाय से संबंधित विवरण जैसे नाम, पता, संपर्क विवरण, एमएसएमई पंजीकरण संख्या और अन्य प्रासंगिक जानकारी प्रदान करना शामिल है। |
परियोजना प्रस्ताव – एक बार पंजीकृत होने के बाद, आवेदक को एक विस्तृत परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है जिसमें व्यवसाय की प्रकृति, प्रस्तावित निवेश, अपेक्षित रोजगार सृजन और अन्य प्रासंगिक विवरण शामिल होते हैं। परियोजना प्रस्ताव में उन लाभों का भी उल्लेख होना चाहिए जो आवेदक योजना के तहत प्राप्त करने की अपेक्षा करता है। |
आवेदन पत्र – परियोजना प्रस्ताव जमा करने के बाद, आवेदक को मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के लिए आवेदन पत्र भरना होगा। आवेदन पत्र में आवेदक को पिछले उत्तर में उल्लिखित दस्तावेजों के साथ व्यक्तिगत और व्यवसाय से संबंधित विवरण प्रदान करने की आवश्यकता होती है। |
प्रस्तुत करना – एक बार आवेदन पत्र भर जाने के बाद, आवेदक को इसे आवश्यक दस्तावेजों के साथ नामित अधिकारियों को जमा करना होगा। अधिकारियों द्वारा प्रदान किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार आवेदन और दस्तावेज ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा किए जा सकते हैं। |
सत्यापन – जमा किए गए आवेदन और दस्तावेजों को नामित अधिकारियों द्वारा सत्यापित किया जाएगा। यदि आवश्यक हो तो आवेदक को अतिरिक्त जानकारी या दस्तावेज प्रदान करने की आवश्यकता हो सकती है। |
अनुमोदन – यदि आवेदन योग्य पाया जाता है, तो आवेदक को अनुमोदन और योजना के तहत प्रदान किए जाने वाले लाभों के बारे में सूचित किया जाएगा। आवेदक तब परियोजना के कार्यान्वयन के साथ आगे बढ़ सकता है। |
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