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मैक मोहन  का संक्षिप्त जीवन परिचय (Brief biography of Mac Mohan)

Mac Mohan biography hindi

मैक मोहन  को मुख्य तौर पर   हिंदी सिनेमा और भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री में अभिनेता के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने अपने अभिनय के करियर में अधिकतर नकारात्मक किरदार ही निभाई है। मैकमोहन ने वर्ष 1961 में सुबोध मुखर्जी द्वारा निर्देशित फिल्म जंगली से हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था। मैक मोहन की अंतिम फिल्म वर्ष 2010 में अश्विनी धीर  द्वारा निर्देशित कॉमेडी फिल्म अतिथि तुम कब जाओगे थी। मैक मोहन ने अपने फिल्मी करियर में 200 से अधिक फिल्मों में काम किया। उन्हें सबसे अधिक उपलब्धि व लोकप्रियता वर्ष 1975 में रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित फिल्म शोले से प्राप्त हुई। इसके अलावा होने और भी कई सुपरहिट फिल्मों जैसे कि जंजीर,  आया सावन झूम के,  मेमसाब, हेरा फेरी,  फरिश्ता या कातील,  आप की खातिर,  द बर्निंग ट्रेन,  शान,  अंदर बाहर, पाप की दुनिया,  बाप नंबरी बेटा दस नंबरी आदमी में भी काम किया। 

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मैक मोहन ने वर्ष 1988 में दूरदर्शन पर प्रसारित किए जाने वाले मिर्जा गालिब धारावाहिक से भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री में भी पदार्पण किया,  जिसमें उन्होंने नवाब जान के नौकर का किरदार निभाया था। इसके अलावा उन्होंने लगभग 7 अन्य धारावाहिकों में भी काम किया। अपने अंतिम फिल्म के पश्चात मैक मोहन अधिक बीमार रहने लगे थे जिसके कारण 10 मई 2010 को 72 वर्ष की आयु में उनका देहांत हो गया।

 मैक मोहन का जन्म और उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि। (Mac Mohan’s birth and his family background.)

 मैकमोहन का जन्म 24 अप्रैल 1938 को  कराची,  सिंध ( वर्तमान पाकिस्तान)  ब्रिटिश इंडिया के समय हुआ था। यह एक पंजाबी परिवार से संबंध रखते थे। इनके माता-पिता तथा पारिवारिक पृष्ठभूमि के विषय में कोई जानकारी नहीं मिलती है।  बॉलीवुड इंडस्ट्री की मशहूर अभिनेत्री रवीना टंडन की माता रवीना टंडन मैक मोहन की बहन है।

 मैक मोहन की शैक्षणिक योग्यता। (Mac Mohan’s Educational Qualification.)

 मैक मोहन की स्कूल शिक्षा और स्कूल के विषय में जानकारी नहीं मिलती है परंतु उनकी उच्च शिक्षा के विषय में इतना ज्ञात है कि उन्होंने जय हिंद कॉलेज मुंबई से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। प्रारंभ में मैक मोहन मुंबई एक क्रिकेटर बनने आए थे परंतु अभिनय के क्षेत्र में रुझान होने के कारण उन्होंने फिमालया स्कूल ऑफ़ एक्टिंग  मुंबई में दाखिला ले लिया। जहां से उन्होंने एक्टिंग में कोर्स किया।

 मैक मोहन की व्यक्तिगत जानकारी। (Mac Mohan’s personal information.)

वास्तविक नाममोहन मैकिजन्य 
उपनाममैक , कड़क राम 
लोकप्रिय नाम मैक मोहन 
मैक मोहन का जन्मदिन24 अप्रैल 1938 
मैक मोहन की आयु 72 वर्ष ( मृत्यु के समय)
मैक मोहन का जन्मस्थान कराँची, सिंध ब्रिटिश इंडिया ( वर्तमान पाकिस्तान)
मैक मोहन  का मूल निवास स्थानकराँची, सिंध ब्रिटिश इंडिया ( वर्तमान पाकिस्तान)
मैक मोहन  की मृत्यु तिथि10 मई 2010 
मैक मोहन  का मृत्यु स्थानअंधेरी मुंबई महाराष्ट्र भारत
मैक मोहन  की मृत्यु का कारण फेफड़ों का कैंसर
मैक मोहन  के शैक्षणिक योग्यतास्नातक
मैक मोहन  के स्कूल का नामज्ञात नहीं
मैक मोहन  के कॉलेज का नाम जय हिंद कॉलेज मुंबई
फिमालया  स्कूल ऑफ़ एक्टिंग मुंबई
मैक मोहन की कुल संपत्ति8 करोड़ रूपए के लगभग 
मैक मोहन की वैवाहिक स्थिति विवाहित 
मैक मोहन की वैवाहिक तिथि 30 जून 1986

मैक मोहन  की शारीरिक संरचना (Mac Mohan’s Body Structure)

मैक मोहन की लंबाई5 फुट 7 इंच
मैक मोहन का वजन 70 किलोग्राम
मैक मोहन  का शारीरिक मापछाती 40 इंच,  कमर 32 इंच, बायसेप्स 13 इंच
मैक मोहन  की आंखों का रंगगहरा भूरा
मैक मोहन  के बालों का रंगभूरा और सफेद

मैक मोहन का परिवार (Mac Mohan’s family)

मैक मोहन के पिता का नाम ज्ञात नहीं
मैक मोहन  की माता का नाम ज्ञात नहीं 
मैक मोहन की बहन का नामवीना टंडन 
मैक मोहन  की पत्नी का नाममिन्नी मैकिजन्य 
मैक मोहन के बेटे का नामविक्रांत मैकिजन्य  
मैक मोहन की बेटियों के नाममंजरी मैकिजन्य  और   विनती मैकिजन्य 
मैक मोहन के भांजे का नामराजीव टंडन
मैक मोहन  की भांजी का नामरवीना टंडन
मैक मोहन   के जीजा का नाम रवि टंडन ( निर्देशक)

मैक मोहन का निजी जीवन (Mac Mohan’s personal life)

मैक मोहन की वर्ष 1986 में मंजरी मैकिजन्य से शादी हुई। इनकी पत्नी आयुर्वेदिक डॉक्टर थी। एक बार जब मैक मोहन के पिता आरोग्य निधि हॉस्पिटल जूहू में भर्ती हुए उस समय पहली बार मैक मोहन की मंजरी से बात हुई और बाद में धीरे-धीरे इनका रिश्ता गहरा होता गया।मैक मोहन को रीडर्स डाइजेस्ट मैगज़ीन्स पढ़ने का बहुत शौक था। मैक मोहन मशहूर अभिनेत्री रवीना टंडन के मामा लगते हैं।

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मैक मोहन का हिंदी सिनेमा में पदार्पण। (Mac Mohan’s debut in Hindi cinema.)

वर्ष 1961 में मैक मोहन ने सुबोध मुखर्जी द्वारा निर्देशित रोमांटिक  कॉमेडी फिल्म  जंगली से हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था। इस फिल्म में उन्होंने ऑफिस स्टाफ का किरदार निभाया था। वर्ष 1969 में उन्होंने रघुनाथ झलानी  द्वारा निर्देशित फिल्म आया सावन झूम के में भी काम किया। इस फिल्म में उन्होंने बृजमोहन नामक पागल आदमी का किरदार निभाया था। वर्ष 1975 तक उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों जैसे कि सुहाना सफर,  मन मंदिर,  यह गुलिस्तान हमारा,  अनहोनी,  जंजीर,  हंसते ज़ख्म,  मनोरंजन आदि में भी काम किया परंतु सबसे अधिक लोकप्रियता और पहचान उन्हें वर्ष 1975 में रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित एक्शन एडवेंचर फिल्म शोले से प्राप्त हुई। जिसमें उन्होंने डाकू सांभा का किरदार निभाया था। इस फिल्म की सफलता के पश्चात वह आजीवन सांभा  के किरदार से  मशहूर हो गए। 

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इस फिल्म की सफलता के पश्चात भी उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों जैसे कि  हेरा फेरी वर्ष 1976,  खून पसीना वर्ष 1977, डॉन  वर्ष  1978,  काला पत्थर वर्ष 1979, द बर्निंग ट्रेन वर्ष 1980, शान वर्ष 1980, सत्ते पे सत्ता वर्ष 1982,जय विक्रांता वर्ष 1995, अतिथि तुम कब जाओगे वर्ष 2010 आदि|

मैक मोहन का टेलिविज़न धारावाहिकों में पदार्पण (Mc Mohan’s debut in television serials)

मोहन ने वर्ष 1988 में दूरदर्शन चैनल पर प्रसारित किए जाने वाले धारावाहिक मिर्जा गालिब से टेलीविजन इंडस्ट्री में भी पदार्पण किया। इस धारावाहिक में उन्होंने नवाब जान के नौकर का किरदार निभाया था। यह धारावाहिक दर्शकों और क्रिटिक्स द्वारा खूब पसंद किया गया। वर्ष 1993,  1994 और 2000 में मैक मोहन ने ज़ी टीवी पर प्रसारित किए जाने वाले धारावाहिक ज़ी हॉरर शो  के कुछ एपिसोड्स में भी काम किया। वर्ष 2001 और 2002 में उन्होंने स्टार प्लस पर प्रसारित किए जाने वाले हॉरर धारावाहिक Ssshhhhh कोई है के कुछ एपीसोडस में भी काम किया| 

मैक मोहन की मृत्यु और कारण (Mac Mohan’s death and causes)

वर्ष 2009 में मैक मोहन अतिथि तुम कब जाओगे फिल्म की शूटिंग के दौरान बीमार पड़ गए थे और तभी उन्हें कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल अंधेरी मुंबई में भर्ती करवाया गया। डॉक्टरों ने पाया कि फोन के दाहिने फेफड़े में ट्यूमर था जिसके कारण उन्हें फेफड़ों में कैंसर हो गया था और इसी बीमारी के कारण 10 मई 2010 को 72 वर्ष की आयु में उनका देहांत हो गया। उनके अंतिम संस्कार में अमिताभ बच्चन ने भी शिरकत की थी।

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