जीएसटी नियमों के दिशा निर्देश अनुसार, 40 लाख रुपये से अधिक के कारोबार के लिए सामान्य कर योग्य इकाई के रूप में पंजीकृत होना अनिवार्य है। इसे गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) पंजीकरण प्रक्रिया के रूप में जाना जाता है। जो व्यवसायी पहाड़ी राज्य तथा उत्तर पूर्वी राज्यों में हैं उनके लिए टर्नओवर की सीमा 10 लाख रुपए है। GST पंजीकरण की प्रक्रिया 6 कार्य दिवसों में पूरी की जाती है।
GST पंजीकरण GST पोर्टल के माध्यम से करना बहुत ही सरल है। GST के पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन पत्र भरना होता है तथा उसमें आवश्यक जानकारी तथा दस्तावेज भरने होते हैं। भारत में अब GST पंजीकरण करवाना अनिवार्य हो गया है और यदि कोई व्यक्ति बिना GST पंजीकरण के व्यवसाय करता है तो यह कानूनी अपराध है जिसके लिए उन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।
GST पंजीकरण प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें एक करदाता अपने माल और प्रदान की जा रही सेवाओं के तहत पंजीकरण करता है, इसी प्रक्रिया को GST पंजीकरण करते हैं जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो आवेदक को पंजीकरण के पश्चात गुड्स एंड सर्विस टैक्स आईडेंटिफिकेशन नंबर के तहत 15 अंकों का GSTIN केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है तथा इसी नंबर के आधार पर इस बात का निर्णय किया जाता है कि कोई व्यक्ति भुगतान करने के लिए बाध्य है या नहीं।
GST कानून के तहत GST कई प्रकार का हो सकता है।आपको उपयुक्त GST पंजीकरण का चयन करने से पहले सभी प्रकार के GST पंजीकरण के विषय में ज्ञान होना अति आवश्यक है।
भारत के अधिकतर व्यवसायी तथा व्यवसाय इसी श्रेणी में आते हैं। इस श्रेणी में पंजीकरण के लिए करदाताओं को किसी भी प्रकार की जमा राशि नहीं देनी होती है और ना ही इसकी कोई समाप्ति तिथि होती है।
वह व्यक्ति जो मौसमी व्यापार करते हैं जैसे कि कोई स्टॉल लगाना जा दुकान चलाना इस श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। इस पंजीकरण के अंतर्गत एक अपेक्षित जीएसटी देयता के बराबर अग्रिम राशि जमा करनी होती है जब वह व्यक्ति कॉल या मौसी दुकान शुरू करते हैं।इस प्रकार के पंजीकरण की समय सीमा 3 महीने तक होती है परंतु इसे बाद में बढ़ाया भी जा सकता है और नवीनीकृत भी किया जा सकता है।
यदि आप GST संरचना करदाता पंजीकरण के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो आप कर सकते हैं। इस पंजीकरण की श्रेणी के तहत आपको एक फ्लैट जमा करना होता है। इसमें एक बात ध्यान देने योग्य है कि इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त नहीं किया जा सकता।
यदि कोई व्यक्ति भारत के बाहर रहकर भारत में रहने वाले व्यक्तियों से सामान खरीदना है तो वह NRI व्यक्ति इस प्रकार के जीएसटी पंजीकरण के विकल्प को चुन सकता है। इसमें आपको आप सुमित कर योग्य व्यक्ति के समान ही जीएसटी पंजीकरण सक्रिय होने के लिए अपेक्षित जीएसटी देयता के बराबर जमा राशि का भुगतान करना पड़ता है। इस प्रकार के जीएसटी पंजीकरण की समयावधि भी 3 महीने ही होती है और इसे भी 3 महीने पूरे होने के पश्चात बढ़ाया जा सकता है या नवीनीकृत भी किया जा सकता है।
जीएसटी कानून लागू होने से पहले यदि कोई व्यक्ति कर सेवाओं के तहत आता था तो उसके लिए यह अनिवार्य है।
वह व्यक्ति जो एन आर आई हैं, भारत के बाहर रहते हैं तथा वह भी जो अश्मित कर योग्य सीमा के अंतर्गत आते हैं।
वे व्यक्ति जो रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत कर का भुगतान करते हैं और सभी ई-कॉमर्स एग्रीगेटर
जिन व्यवसायियों का व्यवसाय 40 लाख रुपए से अधिक होता है वह भी तथा वह जो उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और उत्तर पूर्वी राज्यों के क्षेत्रों में रहते हैं उनके लिए यह राशि 10 लाख रुपए से अधिक है।
इनपुट सेवा वितरक और आपूर्तिकर्ता के एजेंट।
वह व्यक्ति जो ई-कॉमर्स एग्रीगेटर के माध्यम से पदार्थों की आपूर्ति करते हैं।
वह व्यक्ति जो भारत के बाहर रहते हैं परंतु भारत में रहने वाले व्यक्तियों को डेटाबेस एक्सेस तथा ऑनलाइन जानकारियां उपलब्ध करवाते हैं और पंजीकृत का योग्य व्यक्ति भी इस श्रेणी में आते हैं।
जिन व्यवस्थाओं का वार्षिक कारोबार 20 लाखों रुपए से अधिक है उनके लिए भी जीएसटी पंजीकरण करना अनिवार्य है अन्यथा उन्हें भारी जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है।
जीएसटी पंजीकरण का आवेदन करने के लिए किसी भी तरह का शुल्क सरकार द्वारा नहीं लिया जाता है परंतु यदि कोई व्यवसाय बिना जीएसटी पंजीकरण के किया जाता है तो 10% या ₹10000 जुर्माने के तौर पर देने पड़ते हैं और यदि कर में चोरी पाई जाती है तो 100% तक का जुर्माना लग सकता है।
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