मृत्यु एक ऐसा सत्य है जिसे कोई नकार नहीं सकता। मृत्यु किसी की रंग, धर्म, जाती, लिंग और सामाजिक या आर्थिक स्थिति नहीं देखती है। किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात तुरंत उसका प्रमाण पत्र बनवा लेना चाहिए ताकि मृत व्यक्ति के परिवार को बीमा, पेंशन तथा आर्थिक और सामाजिक लाभ प्राप्त करने के लिए दावेदारी मिल सके। इसके अतिरिक्त किसी विधवा महिला या विधुर पुरुष को जीवन को आगे बढ़ाने के लिए जब दूसरा विवाह करने की आवश्यकता हो उस समय भी मृत्यु प्रमाण पत्र काम आ सकता है। इसके द्वारा मतदान में होने वाले घोटालों पर भी नियंत्रण किया जा सकता है। इसके द्वारा मृत व्यक्ति की मृत्यु का कारण और तथ्य को भी दर्ज किया जाता है। यह एक प्रकार का जनादेश प्रमाण पत्र होता है जिसमें मृत व्यक्ति को उसके सामाजिक, कानूनी और अधिकारिक दायित्वों से मुक्त कर दिया जाता है क्योंकि यह एक सरकारी दस्तावेज होता है जिसे मेडिकल प्रैक्टिशनर या सरकारी प्राधिकरण दफ्तर से जारी किया जाता है। मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर प्रतिवर्ष मृत्यु दर और कारण का भी पता लगाया जा सकता है।
प्रत्येक देश में राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके यहां होने वाले जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र को जारी करने के लिए संबंधित कार्यालय बनाने का आदेश दिया जाता है। इसी प्रकार पंजाब राज्य के प्रशासन द्वारा भी इसका पालन किया जाता है। क्योंकि जन्म प्रमाण पत्र की तरह ही मृत्यु प्रमाण पत्र भी किसी व्यक्ति विशेष के सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक होता है इसलिए इसे कानूनी प्रक्रिया के द्वारा बड़े ही सरल तरीके से सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है। जिससे सरकार का भी काम आसान हो जाता है और नागरिकों को भी कोई दुविधा नहीं होती। इसके लिए एक सुव्यवस्थित व्यवस्था पंजाब राज्य में निर्धारित की गई है जिसका हम निम्न अनुसार चर्चा करेंगे।
पंजाब सरकार के प्रशासन द्वारा केवल तभी और उसी व्यक्ति को मृत्यु प्रमाण पत्र दिया जाता है जिसके पास यहां का निवास प्रमाण पत्र हो और भाई यहां का मूल निवासी हो।
वर्ष 1969 में भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह कानून पास किया गया कि वह अपने यहां प्रत्येक जन्म और मृत्यु को 21 दिनों के अंदर सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करें। मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए कौन सूचित करे यह निम्न अनुसार बताया गया है।
किसी की भी मृत्यु की सूचना संबंधित रजिस्ट्रार को 21 दिनों के भीतर दे देनी चाहिए। यदि 21 दिनों के अंदर मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया जाता है तो यह स्थानीय रजिस्ट्रार को जाता है और यदि 30 दिनों के बाद किया जाए तो यह एडिशनल जिला रजिस्ट्रार ग्रामीण क्षेत्रों में और जिला रजिस्ट्रार शहरी क्षेत्रों में जमा किया जाता है| जिसके लिए ₹50 रूपए का शुल्क लगता है|
मृत्यु प्रमाण पत्र का आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज लगाए जाते हैं।
पंजाब सरकार द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन करने के लिए आपको निम्नानुसार आवेदन करना होगा :
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