किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसकी शादी का अवसर सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस दिन के लिए चाहे दूल्हा हो या दुल्हन बहुत खुशी के साथ इंतजार करते हैं, तरह तरह की तैयारियां करते हैं। सभी रिश्तेदारों को निमंत्रण भेजते हैं और प्रत्येक धर्म के अनुसार विवाह का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। पूरी दुनिया में भारत अपने विवाह कार्यक्रमों के लिए प्रसिद्ध है। तैयारियां इतनी ज्यादा होती है कि विवाह के पहले शुरू होती है परंतु विवाह के बाद भी खत्म नहीं होती। इस सब में अधिकतर लोग एक चीज का बिल्कुल ध्यान नहीं रखते और ना ही वह इसके प्रति जागरूक ही हैं और वह है शादी का प्रमाण पत्र। शादी का प्रमाण पत्र प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा प्रशासन के माध्यम से दिया जाता है। शादी प्रमाण पत्र के बहुत से लाभ होते हैं। अन्य राज्यों की तरह केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ भी अपने निवासियों को यह सुविधा प्रदान करता है। जिसकी आज हम यहां चर्चा करेंगे।
चंडीगढ़ विवाह पंजीकरण नियम क्या है? (What are Chandigarh Marriage Registration Rules?)
प्रत्येक राज्य में विवाह पंजीकरण के लिए कुछ नियम बनाए जाते हैं। जिन्हें प्रशासन द्वारा लागू किया जाता है और आवेदक उन्हें पूरा करने के लिए वचनबद्ध होते हैं। राज्य में विवाह पंजीकरण नियम के तहत विवाह पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया गया है जिन से निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति होती है :
- बाल विवाह को रोकने के लिए
- विधवा युवतियों को विरासत के दावे को सक्षम करने के लिए
- विवाहित महिलाओं और उनके बच्चों को पति द्वारा भरण पोषण तथा अन्य अधिकारों का दावा मजबूत करने के लिए।
- यदि किसी युवती का पति गुजर जाए तो उसकी संपत्ति, बैंक जमा राशि और जीवन बीमा आदि के लिए दावा पेश करने में।
हिन्दू विवाह अधिनियम वर्ष 1955 (Hindu Marriage Act 1955)
- इस अधिनियम के तहत विवाह केवल हिन्दू रीति – रिवाज़ों के अनुसार ही मान्य होगा| |
- इस अधिनियम के तहत विवाह केवल तभी मान्य होगा जब वर और वधू दोनों हिंदू धर्म से संबंध रखते हो।
- विवाह के समय वधू की आयु 18 वर्ष और वर्ग की आयु 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
- इस अधिनियम के तहत विवाह का पंजीकरण वर के निवास स्थान/ वधु के निवास स्थान या अनुष्ठान स्थल के रजिस्ट्रार अधिकारी के पास जमा करवाया जाता है।
चंडीगढ़ विवाह प्रमाण पत्र के लाभ क्या होते हैं? (What are the benefits of Chandigarh Marriage Certificate?)
- विवाह प्रमाण पत्र कानूनी रूप से ऐसा दस्तावेज होता है जो यह साबित करता है की एक महिला ने किसी व्यक्ति से कानूनी तौर पर विवाह किया है और उस व्यक्ति ने उस महिला को अपनी पत्नी स्वीकार किया है।
- विवाह प्रमाण पत्र महिला को समाज और उसके ससुराल में सामाजिक सुरक्षा तो प्रदान करता ही है इसके अतिरिक्त आत्मविश्वास भी बढ़ाता है।
- यदि किसी महिला का पति गुजर जाता है तो उसकी संपत्ति, बैंक खाते में जमा राशि और बीमा संबंधी आदि लाभ प्राप्त करने के लिए यह दस्तावेज अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
- यदि कोई व्यक्ति विदेश में जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहता है या व्यवसाय के लिए जाना चाहता है तो उसके लिए उसे पासपोर्ट बनाना पड़ता है और यदि वह व्यक्ति विवाहित है तो उसके लिए विवाह प्रमाणपत्र का होना अनिवार्य है।
विवाह प्रमाण पत्र बनाने के लिए कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है? (What are the documents required to make marriage certificate?)
विवाह प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदक को निम्नलिखित दस्तावेज आवेदन फॉर्म के साथ जमा करने पड़ते हैं :
- आयु प्रमाण पत्र : जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड, जिसमें आयु दर्शाई गई हो वह मेडिकल प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र : राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर पहचान पत्र, बिजली का बिल, पानी का बिल आदि
- फोटोग्राफ : वर और वधु की दंपत्ति के तौर पर पासपोर्ट साइज़ फोटो
- यदि आवेदक विध्वा या विधुर है तो दुसरे विवाह के लिए
- गवाहों के फोटोग्राफ – 2 गवाह
- यदि डिवोर्सी है तो अदालत द्वारा जारी किया गया आदेश या डिग्री
- नोट : आवेदन पत्र के अलावा बाकी सभी दस्तावेज़ों की फोटो कॉपी स्वीकार की जाती है| ऑनलाइन आवेदन के लिए स्कैन्ड किए गए दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है|
विवाह प्रमाण पत्र की वैधता कब तक होती है? (How long is the marriage certificate valid?)
विवाह प्रमाण पत्र की वैधता जीवन भर के लिए होती है।
विवाह प्रमाण पत्र से संबंधित विभाग और प्राधिकरण। (Department and authority related to marriage certificate.)
विवाह प्रमाण पत्र के आवेदन के लिए आवेदन संबंधित तहसीलदार शहर जे स्टार के कार्यालयों से संपर्क कर सकते हैं। वह संबंधित ब्लॉक/ कार्यालय या जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय में विवाह प्रमाण पत्र से संबंधित आवेदन आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा कर सकते हैं।
विवाह प्रमाण पत्र के लिए शुल्क (Fee for Marriage Certificate)
- जिस महीने विवाह होता है यदि उसी महीने पंजीकरण करवा लिया जाए तो उसके लिए रुपए 5 का शुल्क अदा करना पड़ता है।
- विवाह होने के 1 महीने पश्चात यदि आवेदन करते हैं तो रुपए 10 शुल्क देना होता है।
- विवाह प्रमाण पत्र की प्रत्येक कॉपी निकालने के लिए रुपए 2 शुल्क देने पड़ते हैं।
विवाह प्रमाण पत्र चंडीगढ़ के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें? (How to apply online for a marriage certificate Chandigarh?)
- सबसे पहले आवेदक को विवाह प्रमाण पत्र बनाने के लिए अधिकारिक ई – डिस्ट्रिक्ट चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन की वेबसाइट पर जाना होगा।
- उसके पश्चात मैरिज डिपार्टमेंट लॉगइन का चयन करके न्यू यूजर रजिस्ट्रेशन का चयन करें।
- तत्पश्चात आपके सामने आवेदन फॉर्म खुल जाता है। आवेदन फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी को सही-सही भरें।
- जब आप सभी आवश्यक जानकारी आवेदन फॉर्म भर देते हैं तो, आवेदन में दिए गए मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होता है। जिसे आप एंटर करके अपने अकाउंट को एक्टिव कर सकते हैं।
- इस प्रकार आपका एक लॉगइन अकाउंट बंद कर तैयार हो जाता है और लोग अकाउंट बनने के पश्चात आपको मैरिज रजिस्ट्रेशन के विकल्प का चयन करना होता है।
- जिसके पश्चात विवाह पंजीकरण का आवेदन फॉर्म खुल जाता है, जिसमें आपको सभी आवश्यक जानकारी भरने होती है।
- सभी आवश्यक जानकारी भरने के पश्चात विवाह प्रमाण पत्र से संबंधित आवश्यक स्कैन्ड दस्तावेज़ अपलोड किए जाते हैं|
- उसके पश्चात आपके सामने व्यक्त अपॉइंटमेंट का लिंक खुल जाता है। जिसमें आपको अपनी सुविधा अनुसार दिए गए टाइम स्लॉट में से समय चुना होता है।
- इतना सब करने के पश्चात आप सेव एंड प्रोसीड के ऑप्शन पर क्लिक करें और अपनी आवेदन का प्रिंट आउट ले लें|
- अपॉइंटमेंट मशीन का प्रिंट लेने के पश्चात आप लॉग इन अकाउंट के माध्यम से कभी भी अपने आवेदन की स्थिति जांच सकते हैं।
- संबंधित कार्यालयों द्वारा अनुमति मिलने के पश्चात आवेदक के मोबाइल नंबर पर मैसेज आ जाता है कि वह अपने विवाह प्रमाण पत्र को संबंधित वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।