भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किशोरी शक्ति योजना को बालिकाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से अपनाया गया है। यह योजना केंद्र प्रायोजित एकीकृत बाल विकास सेवा योजना के तहत लागू की गई है। इसके उद्देश्य में बालिकाओं के आत्म विकास और सशक्तिकरण देने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य, पोषण और शैक्षिक आवश्यकताओं को भी पूरा करना है। इस योजना के उद्देश्य को निम्न बिंदुओं के रूप में समझ सकते हैं।
- बालिकाओं के स्वास्थ्य, पोषण और विकास पर काम करना
- बालिकाओं के स्वास्थ्य, पोषण और विकास के प्रति उनके परिवार को जागरूक करना
- बालिकाओं को कौशल, घर आधारित कौशल और व्यवसायिक कौशल बढ़ने के लिए उचित अवसर प्रदान करना
- बालिकाओं को इस योग्य बनाना कि वह समय अनुसार अपनी क्षमता को बढ़ा सकें और निर्णय लेने में सक्षम हो सके।
- बालिकाओं की विभिन्न गतिविधियों में समर्थन करके समाज के लिए उसको उपयोगी और उत्पादक सदस्य बनाना
किशोरी शक्ति योजना के लिए पात्रता (Eligibility for Kishori Shakti Yojana)
इस योजना का आवेदन करने के लिए निम्नलिखित पात्रता का पूरा होना आवश्यक है। :
- राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना को पायलट आधार पर एकीकृत बाल विकास सेवा द्वारा चयनित 200 जिलों में से परियोजना के तहत 11 से 18 वर्ष की आयु के मध्य बालिकाओं पर लागू होती है|
- इस योजना के तहत वह बालिकाएं जो आर्थिक व सामाजिक स्थिति के कारण स्कूल नहीं जा पाती हैं, उन्हें नजदीकी आंगनवाड़ी में इकट्ठा किया जाता है।
- वह बालिकाएं भी जो स्कूल जाती है और नियमित रूप से आंगनवाड़ी केंद्रों के संपर्क में रहती हैं, जहां उन्हें जीवन कौशल, पोषण, शिक्षा और सामाजिक कानून मुद्दों के बारे में जागरूकता प्राप्त होती है।
- इस योजना के तहत 11 से 14 वर्ष आयु और 14 से 18 वर्ष आयु के वर्ग बनाए गए हैं|
किशोरी शक्ति योजना के तहत मिलने वाली वित्तीय सहायता (Financial assistance available under Kishori Shakti Yojana)
इस योजना के तहत सरकार द्वारा प्रति एकीकृत बाल विकास सेवा केंद्र को 110000 की राशि प्रतिवर्ष प्रदान की जाती है। जिसका उपयोग आवेदक बालिकाओं के प्रशिक्षण और उनकी स्वास्थ्य के आयोजन पर किया जाता है।
किशोर शक्ति योजना के तहत मिलने वाली सेवाएं
किशोर शक्ति योजना के तहत निम्नलिखित सेवाएं आवेदक बालिकाओं को दी जाती हैं : (The following services are provided to the applicant girls under the Kishori Shakti Yojana)
- इस योजना के तहत प्रत्येक चयनित बालिका को नजदीकी ग्राम स्वास्थ्य देखभाल केंद्र या आंगनवाड़ी में स्वास्थ्य संबंधित जांच प्रत्येक 6 महीने बाद दे जाती है।
- सभी चयनित बालिकाओं को योग्य प्रशिक्षकों द्वारा व्यवसायिक क्वेश्चन को बढ़ाने के लिए उपयुक्त मार्गदर्शन दिया जाता है।
- इस योजना के अंतर्गत आवेदक बालिकाओं के पोषण और स्वास्थ्य तथा शिक्षा संबंधी विकास और जागरूकता पर खूब जोर दिया जाता है। साथ ही साथ उन्हें घरेलू उपचार, प्राथमिक उपचार, पोषण की कमी और संतुलित आहार के बारे में जानकारी दी जाती है।
- इस योजना को राज्य सरकारों द्वारा पोषण प्रावधान के साथ अन्य दानों के लिए 100% वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- इस योजना के तहत केंद्रीय सरकार 50% तक वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसके लिए राज्य स्तर पर समिति, आईसीडीएस से संबंधित महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव कार्यान्वयन के लिए उत्तरदाई होते हैं।यदि इस योजना के अंतर्गत सुविधाएं संतोषजनक प्रतीत नहीं होती है तो आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से उनका क्रियान्वयन किया जाता है जैसे कि सामुदायिक भवन, विद्यालय भवन या पंचायत भवन आदि।
किशोरी शक्ति योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज कौन से हैं? (What are the documents required for Kishori Shakti Yojana?)
इस योजना का आवेदन करने के लिए पात्र आवेदक को निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है:
किशोरी शक्ति योजना के लिए आवेदन कैसे करें? (How to apply for Kishori Shakti Yojana?)
- किशोरी शक्ति योजना में आवेदन करने के लिए आपको नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र/आंगनवाड़ी चिकित्सा अधिकारी से संपर्क करना होगा।
- वहीं से आपको संबंधित कार्यालय में जमा करने के लिए आवेदन पत्र मिलता है।
- दिए गए आवेदन फॉर्म को आवश्यक जानकारी के साथ भरे और उसके पश्चात सत्यापन भी करें।
सत्यापन की क्रिया (verification process)
योजना के क्रियान्वयन और सुधारात्मक उपायों के लिए समय-समय पर सत्यापन किया जाता है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकारों द्वारा समय आने पर मूल्यांकन भी किया जाता है। इस सत्यापन पर ही आवेदकों का चयन निर्भर करता है।
किशोरी शक्ति योजना के आवेदनों का प्रसंस्करण। (Processing of Kishori Shakti Yojana applications.)
इस योजना के तहत सहेली/ सखी वित्तीय सहायता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र पर रजिस्टर का रखरखाव किया जाता है। जिसमें इस परियोजना से संबंधित सभी रिकॉर्ड त्रैमासिक/ छमाही और वार्षिक तौर पर दर्ज किए जाते हैं। जिसे बाद में संबंधित राज्य तथा केंद्रीय सरकार को भेजा जाता है। इसका सत्यापन पर्यवेक्षक करता है की आंगनवाड़ी केंद्र में रखे गए सभी रिकॉर्ड सटीक है।