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के.एन. सिंह  का संक्षिप्त जीवन परिचय। (K.N. Brief biography of Singh)

के.एन. सिंह  का नाम हिंदी सिनेमा के प्रारंभिक दौर के  खलनायकों  शीर्ष पर गिना जाता है। के.एन. सिंह एक बेहतरीन अभिनेता ही नहीं बल्कि स्पोर्ट्स पर्सन भी थे। के.एन. सिंह  पृथ्वीराज कपूर के फैमिली फ्रेंड थे। के.एन. सिंह वर्ष 1936 में सोनार संसार  फिल्म से अभिनय के क्षेत्र में पदार्पण किया था।  वर्ष 1936 से  वर्ष 1996 के दशक तक लगभग 60 वर्षों के फिल्मी करियर के दौरान के.एन. सिंह  200 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। के.एन. सिंह  ने केवल पुराने अभिनेताओं की नहीं बल्कि नए अभिनेताओं के साथ भी काम की। उनकी अंतिम फिल्म वर्ष 1996 में आई  दानवीर  थी, जिस के मुख्य अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती और अभिनेत्री रंभा  थी। वर्ष 1936 से वर्ष 1960 के दशक तक के.एन. सिंह  सबसे पॉपुलर विलयन की सूची में शामिल रहे।

के.एन. सिंह  का जन्म और उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि। (K.N. Singh’s birth and his family background.)

के.एन. सिंह  का जन्म 1 सितंबर 1908 को  देहरादून  यूनाइटेड प्रोविंस ऑफ आगरा और अवध ब्रिटिश इंडिया ( वर्तमान उत्तराखंड भारत) में हुआ था। इनका वास्तविक नाम कृष्ण निरंजन सिंह था| इनके पिता का नाम चंडी प्रसाद सिंह था। इनके पिता एक पूर्व भारतीय राजकुमार तथा एक प्रमुख आपराधिक वकील थे। इनकी माता का नाम ज्ञात नहीं है। पारिवारिक पृष्ठभूमि के आधार पर यह एक कुलीन वर्ग से  संबंध रखते थे। इनकी कुल एक बहन  और पांच भाई थे, जिनमें से यह सबसे बड़े थे। 

के.एन. सिंह की शैक्षणिक योग्यता और प्रारंभिक जीवन (K.N. Singh’s Educational Qualification and Early Life)

के.एन. सिंह  की शैक्षणिक योग्यता,  स्कूल और कॉलेज के विषय में जानकारी नहीं मिलती हैं। यह अवश्य ज्ञात है कि वह एक स्पोर्ट्स मैन हुआ करते थे और उनका सपना  बड़े होकर  भारतीय सेवा में अपनी सेवाएं प्रदान करना था। साथ ही साथ वह यह भी चाहते थे कि अपने पिता के पद चिन्हों पर चलकर एक मशहूर वकील भी बने  क्योंकि वह अपने पिता के डिफेंस की तार्किक क्षमता और शक्ति से बहुत प्रभावित थे परंतु जब उन्होंने देखा कि कभी कभी अपराधिक व्यक्ति को जेल ना होकर वह बाइज्जत बरी हो जाता है,  इसलिए उन्होंने वकालत करने का सपना छोड़  दीया। बाद में के.एन. सिंह ने स्पोर्ट्स में ही खूब मेहनत करनी शुरू की और उन्होंने  जैवलिन थ्रो  तथा शॉट पुट में महारथ हासिल कर ली। 

वर्ष 1936 के बर्लिन ओलंपिक में के.एन. सिंह  का चुनाव हो गया परंतु  कारणवश  उन्हीं दिनों के.एन. सिंह  अपनी बीमार बहन से मिलने के लिए कोलकाता जाना पड़ा। वहीं इनकी मुलाकात मशहूर अभिनेता पृथ्वीराज कपूर से हुई। जो इनके पारिवारिक मित्र थे। पृथ्वीराज कपूर ने ही पहली बार के.एन. सिंह  देबकी बॉस  से मिलवाया,   जिन्होंने के.एन. सिंह  उनके जीवन की पहली फिल्म  सुनहरा संसार ( सोनार संसार) वर्ष 1936  में काम करने का प्रस्ताव दिया।

के.एन. सिंह का व्यक्तिगत जीवन (K.N. Singh’s personal life)

वास्तविक नामकृष्ण  निरंजन सिंह
उपनाम के.एन. सिंह
के.एन. सिंह  का जन्मदिन1 सितंबर 1908
के.एन. सिंह  की आयु91 वर्ष ( मृत्यु के समय)
के.एन. सिंह  का जन्म स्थानदेहरादून  यूनाइटेड प्रोविंसेस आफ आगरा एंड अवध ( वर्तमान उत्तराखंड भारत)
के.एन. सिंह  का मूल निवास स्थानउत्तराखंड भारत
के.एन. सिंह  की मृत्यु तिथि31 जनवरी 2000
के.एन. सिंह  की मृत्यु का कारणवृद्धावस्था होने के कारण
के.एन. सिंह  का मृत्यु स्थानमुंबई महाराष्ट्र भारत
के.एन. सिंह  की राष्ट्रीयताभारतीय
के.एन. सिंह  का धर्महिंदू
के.एन. सिंह  की शैक्षणिक योग्यताज्ञात नहीं
के.एन. सिंह  की स्कूल का नामज्ञात नहीं
के.एन. सिंह  के कॉलेज का नामज्ञात नहीं
के.एन. सिंह  का व्यवसाय अभिनेता, फिल्म निर्माता और निर्देशक
के.एन. सिंह  की कुल संपत्ति8  करोड़ रुपए  के लगभग
के.एन. सिंह की वैवाहिक स्थिति विवाहित

के.एन. सिंह की शारीरिक सरंचना (K.N. Singh body structure)

के.एन. सिंह की लम्बाई 6 फ़ीट 1 इंच
के.एन. सिंह का वज़न 70 किलोग्राम
के.एन. सिंह का शारीरिक माप छाती 40 इंच, कमर 32 इंच, बाइसेप्स 13 इंच
के.एन. सिंह की आँखों का रंग गहरा भूरा
के.एन. सिंह के बालों का रंग सफ़ेद

के.एन. सिंह का परिवार (K.N. Singh family)

के.एन. सिंह के पिता का नाम चंडी प्रसाद सिंह
के.एन. सिंह की माता का नाम ज्ञात नहीं
के.एन. सिंह की बहन का नाम ज्ञात नहीं
के.एन. सिंह के भाइयों के नाम बिक्रम सिंह ( अन्य चार भाइयों के नाम ज्ञात नहीं हैं)
के.एन. सिंह की पत्नी का नाम परवीन पॉल
के.एन. सिंह के बेटे का नाम पुष्कर ( अपने भाई से गोद लिया बेटा )

के.एन. सिंह का अभिनय के क्षेत्र में पदार्पण (K.N. Singh’s acting debut)

के.एन. सिंह ने वर्ष 1936 में देबकी बॉस द्वारा निर्देषित फिल्म सोनार संसार से अभिनय के क्षेत्र में पदार्पण किया था| जिसमें इन्होने एक प्रतिद्वन्द्वी की भूमिका निभाई थी|  इस फिल्म के बाद भी उन्होंने कईं फिल्मों में काम किया परन्तु उन्हें कोई ख़ास पहचान नहीं मिल पा रही थी| वर्ष 1938 में आई बाग़बान फिल्म से के.एन. सिंह को हिंदी सिनेमा में एक नई पहचान मिली| फिर वर्ष 1940 से 1950 के दशक में उन्होंने कीं सुपर हिट फिल्मों जैसे कि सिकंदर वर्ष 1941, ज्वार भाटा वर्ष 1944, हुमायु वर्ष 1945 , आवारा वर्ष 1951 , जाल वर्ष 1952,  हावड़ा ब्रिज वर्ष 1958, चलती का नाम गाडी वर्ष 1958, आम्रपाली वर्ष 1966 आदि | 

के.एन. सिंह का निजी जीवन और मृत्यु (K.N. Singh’s personal life and death)

के.एन. सिंह अपने जीवन के अंतिम समय में बहुत बीमार रहने लगे थे और उस समय इनके गोद लिए बेटे पुष्कर ही इनका ख्याल रखते थे| अंतिम समय में के.एन. सिंह को दिखना बिलकुल बंद हो गया था| 31 जनवरी 2000 को अपने मुंबई में स्थित घर पर 91 वर्ष की आयु में के.एन. सिंह का देहांत हो गया परन्तु अपने उत्कृष्ट अभिनय के द्वारा हिंदी फिल्मों के माध्यम से वह अमर हो गए| 

Abigail Thorn

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