पिछले कुछ वर्षों से मेंहगाई लगातार बढ़ती जाए रही हैं परन्तु पंजाब सरकार राज्य में रह रहे अपने पंजाबवासियों को प्रत्येक प्रकार से सहायता प्रदान करने के लिए तत्तपर रहती है| पूरे भारत में उत्तरी राज्यों में से जो खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती हैं उनमें से पंजाब सबसे मुख्य राज्यों में से एक है| पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि यहीं से फ़सलों को देश भर में वितरित किया जाता है और यदि यहीं के लोगों को खाद्य वस्तुएं मंहगी खरीदनी पड़ें तो बहुत ही दुर्भाग्य की बात है| इसी समस्या को दूर करने के लिए पंजाब सरकार ने उपभोक्ताओं को कम कीमत पर चोकरयुक्त फोर्टिफाइड आटा प्रदान करने के लिए इस योजना का घोषणा की है|
इस योजना के अंतर्गत पंजाब राज्य सरकार अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा भारत सरकार से प्राप्त मासिक आवंटन में से उन रोलर आटा मिलों को गेहूं जारी करेगी, जो चोकरयुक्त गेहूं फोर्टिफाइड आटे के निर्माण और आपूर्ति के लिए नोडल एजेंसी के साथ एक समझौते में प्रवेश करती हैं।
इस योजना के अंतर्गत पंजाब राज्य की कोई भी रोलर आटा मिल गेहूं के आवंटन के लिए आवेदन कर सकती है| उसे केवल मात्र 25000 रूपए की रिफण्डेबल फ़ीस जमा करनी पड़ती है| इसके द्वारा पंजाब ग्रेन प्रोक्योरमेंट कॉर्पोरेशन ltd को किसी प्रकार का कोई ब्याज नहीं देना होता| इससे पंजाब ग्रेन प्रोक्योरमेंट कॉर्पोरेशन ltd के साथ एक समझौता तय कर लिया जाता है और इंटरनैशनल ऑर्गनाइज़ेशन फॉर स्टैंडर्डाइज़ेशन तथा खतरे का विश्लेषण और महत्वपूर्ण नियंत्रण मान) से सम्बंधित दस्तावेज़ जमा कर दिए जाते हैं|
यदि किसी भी स्तर पर मिल मालिक द्वारा दी गई जानकारी ग़लत या झूठी पाई जाती है तो इस योजना के अन्तर्गतर उसकी गेहूं प्राप्त करने की पात्रता रद्द कर दी जाएगी और ना ही उसे गेहूं मिलेगा| इसके साथ ही झूठी जानकारी देने के फलस्वरूप उसकी ज़मानत भी ज़ब्त कर ली जाती है|
यदि कोई भी आटा रोलर मिल, सरकार का या राज्य एजेंसी का डिफॉलटर हो या मिल के विरुद्ध कोई आपराधिक कार्रवाई का निर्णय लंबित हो तो वह इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त नहीं कर पाएगा|
यदि कोई मिल मालिक आटा रोलर चक्की के अतिरिक्त चावल मिल का भी मालिक हो तो पंजाब राज्य सरकार द्वारा डिफ़ॉल्टर ही घोषित किया जाएगा| वह भी इस योजना के तहत गेहूं प्राप्त करने का हक़दार नहीं होगा|
कंपनी को बैग बनाते समय नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग पंजाब सरकार द्वारा अनुमोदित डिजाइन का पालन अवश्य करना चाहिए। इस बैग को एलडीपीई तथा एलएलडीपीई कि 2 पदों द्वारा बनाया जाता है। जिसमें बाहरी परत 16 इंच X 21.5 इंच दूधिया रंग की और वजन में 30 ग्राम + 7% इसके अतिरिक्त भीतरी परत 16 इंच X 22.5 इंच जिसका वजन 10 ग्राम + 7% होना आवश्यक है।
बैग बनाते समय इस बात का भी ध्यान रखना अवश्य है कि केवल खाद्य ग्रेड पैकेजिंग सामग्री और स्याही जो ब्रांडेड हो का उपयोग किया जाना चाहिए।
बैग निर्माता को पंजाब राज्य के प्रत्येक जिले में PUNGRAIN के मैनेजिंग डायरेक्टर पास करवाना जरूरी होता है।
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